उत्तर प्रदेश सरकार देगी 20 करोड़ का पुरस्कार, जानिए कौन-कौन होगा हकदार

विष्णुपुरा
उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी 'आकांक्षात्मक विकास खण्ड' योजना के तहत वर्ष 2024-25 की वार्षिक डेल्टा रैंकिंग जारी की गई है. जिसमें उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले पांच विकास खंडों को 20 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इन विकास खंडों को सम्मानित करेंगे.
प्रदेश के नियोजन विभाग की ओर से की गई रैंकिंग में जालौन, रामपुरा (जालौन), देवकली (गाजीपुर), विष्णुपुरा (कुशीनगर) और मड़िहान (मिर्जापुर) विकास खंडों ने टॉप 5 में जगह बनाई है. इन विकास खंडों को उनके समग्र विकास जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, बुनियादी ढांचा और सामाजिक प्रगति में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए यह सम्मान दिया जाएगा.
रैंकिंग के आधार पर तय हुई राशि
प्रोत्साहन राशि को प्रदर्शन के क्रम में बांटा गया है. प्रथम स्थान पाने वाले विकास खंड को 2.5 करोड़ रुपए , दूसरे को 1.5 करोड़ रुपए, तीसरे को 1 करोड़ रुपए और शेष दो टॉप परफॉर्मर्स को 50-50 लाख रुपए दिए जाएंगे. योगी सरकार का मानना है कि इससे अन्य विकास खंडों को भी प्रेरणा मिलेगी और जिलेवार प्रतिस्पर्धा के माध्यम से समग्र ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी.
स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जालौन का जलवा
रैंकिंग के अनुसार, रामपुरा (जालौन) ने स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि खेसराहा (सिद्धार्थनगर) और जालौन विकास खंड ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान पाया है. शिक्षा के क्षेत्र में भी जालौन और रामपुरा ने पहला और दूसरा स्थान अर्जित किया, जबकि देवकली (गाजीपुर) तीसरे स्थान पर रहा. वहीं बलिया, सोनभद्र और बदायूं के कुछ विकास खंडों का प्रदर्शन शिक्षा व स्वास्थ्य दोनों में कमजोर रहा.
कृषि और बुनियादी ढांचे में भी दिखा असर
कृषि क्षेत्र में विष्णुपुरा (कुशीनगर) सबसे आगे रहा. जबकि अंबेडकरनगर के टांडा और संभल का संभल विकास खंड भी टॉप तीन में शामिल हुए. बुनियादी ढांचे के विकास में सैदनगर (रामपुर) शीर्ष पर रहा, जबकि नवाबगंज (फर्रूखाबाद) और असफपुर (बदायूं) ने भी उल्लेखनीय सुधार दिखाया.
सामाजिक विकास में सैदनगर सबसे आगे
सामाजिक विकास श्रेणी में भी सैदनगर (रामपुर) पहले स्थान पर रहा. इसके अलावा पीलीभीत का पूरनपुर, मीरजापुर का मड़िहान, संभल का राजपुरा और चित्रकूट का पहाड़ी विकास खंड भी बेहतर प्रदर्शन करने वालों में शामिल रहे.
जहां विकास की रफ्तार धीमी रही
रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि कुछ विकास खंड अब भी पिछड़े हुए हैं. शुकुलबाजार (अमेठी), गौरीबाजार (देवरिया) और निचलौल (महराजगंज) जैसे क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं और सामाजिक विकास के क्षेत्र में अब भी तेज़ प्रयासों की आवश्यकता है. सरकार ने संकेत दिए हैं कि इन क्षेत्रों में अतिरिक्त संसाधन और निगरानी की व्यवस्था की जाएगी.