इंदौरमध्य प्रदेश

MY अस्पताल में त्रासदी: चूहों के काटने से दसरे नवजात की मौत

इंदौर
 इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल के NICU में चूहों के काटने से दोनों बच्‍चो की मौत हो गई है. ये दोनों बच्‍चे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती थे. अब इस पूरे मामले में बड़ा एक्शन हुआ है. MY हॉस्पिटल में हुई नवजात बच्ची की मौत के मामले में राज्य मानवाधिकार आयोग ने अस्पताल को नोटिस भेजा है. नोटिस भेज कर MY हॉस्पिटल के सुपरिंटेंडेंट और महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन से इस पूरे मामले को लेकर जवाब मांगा है.

राज्य मानवाधिकार आयोग ने अस्पताल प्रबंधन से साफ पूछा कि आखिर नवजात बच्चे की मौत कैसे हुई? बच्चों को चूहों ने कैसे कुतरा? इस गंभीर लापरवाही का जिम्मेदार कौन-कौन है? चूहे पीडियाट्रिक सर्जिकल वार्ड (NICU) तक कैसे पहुंच गए?

3 दिन के नवजात बच्चे की मौत

रैट बाइट का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. 3 दिन के नवजात बच्ची की मौत पर मानवाधिकार भी सख्त है. अब अस्पताल प्रबंधन को इस पूरे मामले को लेकर 1 महीने में अपना जवाब देना होगा.

सुरक्षा पर उठे सवाल

अस्पताल सूत्रों की मानें तो NICU में लंबे समय से चूहे घूम रहे थे, लेकिन किसी ने रोकथाम नहीं की. रविवार को एक नवजात के हाथ पर चोट आई और सोमवार को दूसरी घटना हुई. दोनों मामलों के सामने आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने फौरन पेस्ट कंट्रोल और सुरक्षा के लिए कदम उठाए.

मेडिकल कॉलेज के डीन ने मामले में ड्यूटी पर तैनात नर्स को निलंबित कर दिया. इसके साथ ही HOD और एमवाय अधीक्षक को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया. नर्सिंग अधीक्षक को भी हटाया गया है और पांच डॉक्टरों की टीम मामले की जांच करेगी. अस्पताल अधीक्षक डॉ. अशोक यादव ने बताया कि मरीजों के परिजन वार्ड में खाने-पीने का सामान ले आते हैं, जिससे चूहों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले लगभग पांच सालों में अस्पताल में कोई बड़ा पेस्ट कंट्रोल नहीं हुआ था.

इस मामले में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने डीन को नोटिस दिया है। मामला सामने ने पर दो नर्सिंग अधिकारियों ने डीन ने निलंबित कर दिया था। इससे नर्सिंग स्टाॅफ में नाराजगी है। उनका कहना है कि अस्पताल में ठीक से सफाई न होने से चूहे अस्पताल में घूमते है। चूहों की संख्या पर नियंत्रण करने के लिए पेस्ट कंट्रोल कंपनी का स्टाॅफ भी तैनात रहता है। यदि वह ठीक से काम करें तो चूहे अस्पताल में नजर नहीं आएंगे।

परिसर में बना रखे है चूहों ने बिल

एमवाय अस्पताल के परिसर में चूहों के सैकड़ों बिल है। कई चूहे तो आधा एक किलो के है। वे अस्पताल के वार्डों में नहीं बल्कि आईसीयू, एनआईसीयू में भी नजर आते है। कई बार वायर भी काट देते है।

उधर एमवाय अस्पताल में नवजातों को चूहों के कुतरने के मामले में मानव अधिकार आयोग ने अस्पताल अधीक्षक को जांच के निर्देश दिए है। उन्हें जल्दी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। उधर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी ने इस घटना पर कहा है कि अस्पताल में चूहों के मानव अंगों को कुतरने का मामला नया नहीं है। कई बार घटनाएं छुपाई जाती है। भाजपा के 22 साल का असली चेहरा इस तरह की घटनाएं है।

प्लेग के समय चलाया था अभियान

30 साल पहले सूरत में प्लेग फैलने के मामला सामने आया था तो इंदौर के एमवाय अस्पताल को भी चूहों से मुक्त करने का अभियान चलाया गया था। पेस्ट कंट्रोल कंपनियों ने हजारों की संख्या में चूहों का सफाया किया था, लेकिन अब फिर चूहों की बढ़ती संख्या परेशानी की वजह बन गई है।

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