HC का बड़ा फैसला: मराठाओं को नहीं मिली मुंबई, संजय राउत भड़के

मुंबई
मराठा आंदोलन को लेकर आए बंबई उच्च न्यायालय के आदेश को शिवसेना (UBT) ने चुनौती दी है। पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने कहा है कि महाराष्ट्र को मुंबई हाईकोर्ट ने नहीं दी है। उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि कार्यकर्ता मनोज जरांगे के नेतृत्व में मराठा आरक्षण आंदोलन के कारण पूरा शहर ठहर गया है और यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है तथा इसमें सभी शर्तों का उल्लंघन किया गया है।
राउत ने कहा, 'मुंबई खाली नहीं हो सकती। मुंबई जो है वो महाराष्ट्र और मराठी लोगों को हाईकोर्ट ने नहीं दी है। यह मुंबई 106 जो शहीद हो गए मराठी हमारे और हजारों लोग आंदोलन में आए थे लाखों लोग, इसके बाद यह मुंबई महाराष्ट्र को और मराठी मानुस को मिली है। तो महाराष्ट्र की सरकार तय कर सकती है। हाईकोर्ट के कंधे पर बंदूक रखकर आप गोली मारोगे, तो महाराष्ट्र में बड़ा संघर्ष हो जाएगा। जिस हाईकोर्ट में न्यायाधीश के रूप में भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता बैठे हैं, उस न्यायालय से हम क्या अपेक्षा कर सकते हैं।'
पैदल कोर्ट पहुंचे जज
मराठा आरक्षण आंदोलनकारियों के कारण न केवल आम लोगों को, बल्कि उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को भी असुविधा का सामना करना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण मुंबई की सड़कों पर कब्जा कर लिया है और एक न्यायाधीश की कार को रोक दिया, जिसके कारण न्यायाधीश को उच्च न्यायालय भवन तक पहुंचने के लिए थोड़ी दूरी पैदल तय करनी पड़ी।
न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम की पीठ ने कहा कि मुंबई शहर 'सचमुच पंगु हो गया है और उच्च न्यायालय वस्तुतः घेरेबंदी में है।' पीठ ने कहा कि हर सड़क विशेषकर आजाद मैदान, सीएसटी, मंत्रालय, फ्लोरा फाउंटेन, मरीन ड्राइव, पी'डेमेलो रोड का पूरा क्षेत्र प्रदर्शनकारियों से भरा पड़ा है जो सड़कों पर नाच रहे हैं, कबड्डी खेल रहे हैं, खाना बना रहे हैं, मुख्य सड़कों पर स्नान कर रहे हैं।
क्या बोला हाईकोर्ट
सोमवार को उच्च न्यायालय ने मुंबई में सामान्य स्थिति बहाल करने का आग्रह किया और जरांगे तथा उनके समर्थकों को हालात सुधारने तथा मंगलवार दोपहर तक सभी सड़कें खाली करने का अवसर दिया। जरांगे 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई स्थित आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। वह मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण दिये जाने की मांग कर रहे हैं। उनके समर्थकों ने दावा किया कि जरांगे ने सोमवार से पानी पीना बंद कर दिया है।
न्यायमूर्ति रवींद्र घुगे और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने विशेष सुनवाई में कहा कि प्रदर्शनकारी आंदोलन के लिए निर्धारित स्थान आजाद मैदान पर नहीं रुके हैं और उन्होंने दक्षिण मुंबई के कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अवरुद्ध कर दिया है। अदालत ने कहा, 'स्थिति गंभीर है और मुंबई शहर लगभग ठहर सा गया है।' अदालत ने कहा कि प्रदर्शनकारी छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और चर्चगेट रेलवे स्टेशन, मरीन ड्राइव और उच्च न्यायालय भवन जैसे महत्वपूर्ण स्थानों पर जमा हो गए हैं।
अदालत ने कहा कि आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं है और जरांगे तथा अन्य प्रदर्शनकारियों ने दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति देते समय प्राधिकारों द्वारा निर्धारित प्रत्येक शर्त का उल्लंघन किया है। पीठ ने कहा, 'हम जरांगे और उनके समर्थकों को हालात को तुरंत सुधारने और यह सुनिश्चित करने का अवसर दे रहे हैं कि मंगलवार दोपहर तक सड़कें खाली हो जाएं।' पीठ ने मामले की अगली सुनवाई मंगलवार के लिए निर्धारित करते हुए कहा कि अगर तब तक जरांगे की तबीयत बिगड़ती है, तो सरकार उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी।