भोपालमध्य प्रदेश

भोपाल के फेमस जिम में ड्रग्स का कारोबार, मछली गैंग से खरीदारी, संचालक विदेश भागा

भोपाल 

भोपाल के हाई प्रोफाइल ड्रग तस्करी, रेप-ब्लैकमेलिंग और जमीन कब्जाने के गिरोह से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है। आरोपी चाचा शाहवर और भतीजे यासीन मछली के गुर्गों से भोपाल के एक फेमस जिम का संचालक मोनिस खान सबसे ज्यादा ड्रग्स खरीदता था। 

इसका खुलासा 18 जुलाई 2025 को सबसे पहले गिरफ्तार किए गए सैफउद्दीन ने पूछताछ में किया था। मोनिस जिम संचालन करने से पहले फिटनेस ट्रेनर भी रह चुका है। क्राइम ब्रांच ने मेमोरेंडम के आधार पर मोनिस को आरोपी बनाया है, लेकिन केस में नाम आने के बाद वह मलेशिया भाग गया। अब पुलिस उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कराने की तैयारी में है।

सैफउद्दीन की ही निशानदेही पर मछली चाचा-भतीजे अरेस्ट

सैफउद्दीन की ही निशानदेही पर पुलिस ने शाहवर और यासीन की गिरफ्तारी की थी। पूछताछ में उसने दोनों से ड्रग लेकर बेचने की बात स्वीकार की थी। तब मेमोरेंडम में पुलिस ने चाचा और भतीजे को आरोपी बना दिया था। इसकी जानकारी इन दोनों को नहीं थी। 21 जुलाई को घेराबंदी कर अलग-अलग जगहों से टीम ने चाचा-भतीजे को गिरफ्तार कर लिया।

यासीन के मोबाइल से नाबालिग किशोर, युवक और युवतियों को टॉर्चर करते वीडियो मिले थे। जिसके बाद उसके खिलाफ रेप पॉक्सो और धोखाधड़ी की शिकायतें अलग-अलग थानों में दर्ज की गईं।
बेन नाम के नाइजीरियन से अंशुल खरीदता था एमडी

चाचा-भतीजे की निशानदेही पर पुलिस ने पुराने बदमाश अंशुल सिंह उर्फ भूरी को गिरफ्तार किया। शाहवर और यासीन इसी से ड्रग खरीदते थे। अंशुल ने पूछताछ में बताया था कि वह बेन नाम के नाइजीरियन नागरिक से एमडी ड्रग खरीदकर भोपाल लाता था और पार्टियों में खास ग्राहकों को बेचा करता था। यासीन और शाहवर भी उसके ग्राहक थे।

सैफउद्दीन से ड्रग खरीदकर आगे बेचने का काम करते थे

सैफउद्दीन ने ही पूछताछ में इस बात का भी खुलासा किया था कि कोहेफिजा और चूना भट्‌टी में स्थित जिम का संचालन करने वाले मोनिस खान और जहांगीराबाद के उमेर पट्‌टी भी ड्रग की तस्करी करते हैं। ये लोग उससे नशे का सामान लेकर आगे बेचने का काम करते थे।

मोनिस इस ड्रग्स को अपने जिम में आने वाली युवतियों सहित युवकों को वजन कम कराने की दवा बताकर बेचता था। अरेरा कॉलोनी निवासी विशाल उर्फ सावन और अशोका गार्डन निवासी लारिब उर्फ बच्चा भी सैफउद्दीन से ड्रग खरीदकर आगे बेचने का काम करते थे।

शाहिद मछली को सालाना 30 हजार कारतूस की लिमिट

ड्रग्स तस्करी के बाद भोपाल के मछली परिवार का कनेक्शन अब शूटिंग की आड़ में कारतूसों की हेराफेरी से भी जुड़ गया है। जांच के दौरान पता चला है कि मछली परिवार के बुधवारा निवासी शाहिद अहमद पिता शरीफ अहमद का आपराधिक रिकॉर्ड है। इसी वजह से उसके तीन गन लाइसेंस निरस्त कर दिए गए।

शाहिद मछली को 2012 में लाइसेंस मिला था। उसके पास तीन हथियार 0.32 बोर रिवॉल्वर, 12 बोर सेमी-ऑटोमैटिक गन और 30.06 राइफल (विदेश से खरीदी गई) थे। उसे सालाना 30 हजार कारतूस की लिमिट मिली थी।

शाहिद ने किसी शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया

जांच में सामने आया कि शाहिद ने किसी शूटिंग प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं लिया। न इस आधार पर कारतूस खरीदे। उसने सिर्फ आत्मरक्षा के लिए जरूरी कारतूस खरीदे। जिला प्रशासन के मुताबिक मछली परिवार से जुड़े कुल 5 लोगों के लाइसेंस सस्पेंड किए गए हैं। शाहिद के अलावा सोहेल, शहरयार, शफीक और शावेज के नाम पर भी शस्त्र लाइसेंस थे। इन पर कुल 8 हथियार दर्ज थे।

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