ग्वालियरमध्य प्रदेश

सिंधिया और इंदौर राजघराने का विवाद खत्म, कात्यायनी-अर्जुन का तलाक तय

ग्वालियर
 2019 में शुरु हुआ सिंधिया राजघराने की कात्यायनी आंग्रे और इंदौर राजघराने के अर्जुन काक का विवाद अब खत्म हो गया है। 29 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में दोनों ने आपसी सहमति से तलाक ले लिया। अर्जुन, कात्यायनी को 2.25 करोड़ रुपये देंगे और आंग्रे परिवार से मिले सारे गिफ्ट वापस करेंगे। यह झगड़ा 7 साल पहले शुरू हुआ था, जब अर्जुन ने कात्यायनी और उनके परिवार पर फर्जी शादी का सर्टिफिकेट बनवाने का आरोप लगाया था। इसके बाद कात्यायनी ने दहेज के लिए परेशान करने का मामला दर्ज कराया था।

कौन हैं कात्यायनी और अर्जुन
कात्यायनी आंग्रे, ग्वालियर के सिंधिया राजघराने के सरदार आंग्रे की पोती हैं। अर्जुन काक का संबंध इंदौर राजघराने से है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अर्जुन काक को 30 नवंबर 2025 तक कात्यायनी को 2.25 करोड़ रुपये देने का आदेश दिया गया है। अर्जुन ने 25 अगस्त को 1 करोड़ रुपये का ड्राफ्ट दे दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा कि अर्जुन, आंग्रे परिवार से मिले सभी गिफ्ट वापस करेंगे। लेकिन अर्जुन की ओर से दिए गए गिफ्ट कात्यायनी के पास ही रहेंगे। इसके बाद दोनों का कोई संबंध नहीं रहेगा।

2018 में हुई थी शादी
कात्यायनी और अर्जुन की शादी 2018 में हुई थी। अर्जुन के पिता अनिल काक रिटायर्ड कर्नल हैं। उनकी मां मंगेश काक का संबंध इंदौर राजघराने से है। इसलिए यह शादी बहुत खास मानी जा रही थी। शादी 18 अप्रैल 2018 को ऋषिकेश, उत्तराखंड में हुई थी।

2019 में फर्जी सर्टिफिकेट की शिकायत
अर्जुन काक ने 2019 में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। उन्होंने कात्यायनी और उनके परिवार पर फर्जी शादी का सर्टिफिकेट बनवाने का आरोप लगाया था। अर्जुन ने हाई कोर्ट में भी याचिका दायर की थी। उन्होंने ग्वालियर नगर निगम द्वारा जारी शादी के सर्टिफिकेट को रद्द करने की मांग की थी। हाई कोर्ट ने माना कि सर्टिफिकेट गलत तरीके से जारी किया गया था। इसलिए कोर्ट ने सर्टिफिकेट को रद्द कर दिया।

2021 में कात्यायनी ने दर्ज कराया केस
2021 में कात्यायनी ने दहेज प्रताड़ना का मामला दर्ज कराया। उन्होंने आरोप लगाया कि अर्जुन और उसके परिवार वाले रॉल्स रॉयस कार और मुंबई में फ्लैट मांग रहे थे। हाई कोर्ट ने कहा कि कात्यायनी शादी के कुछ महीने बाद ही तलाक मांग रही हैं। 2021 में दहेज प्रताड़ना का केस दर्ज करा रही हैं। ऐसा लगता है कि अर्जुन द्वारा दर्ज कराई गई FIR का जवाब देने के लिए दहेज का मामला दर्ज कराया गया है।

2023 में भी की गई थी मामला सुलझाने की कोशिश
अगस्त 2023 में भी इस मामले को सुलझाने की कोशिश की गई थी, लेकिन वह सफल नहीं रही। कोर्ट ने कहा था कि कात्यायनी और अर्जुन के बीच विवाद को सुलझाने के रास्ते खत्म हो गए हैं। हाई कोर्ट ने मध्यस्थता का मौका खत्म करते हुए मामले को सक्षम बेंच में भेजने का आदेश दिया था। मध्यस्थता के दौरान अर्जुन हर महीने 1.5 लाख रुपये देने को तैयार थे। लेकिन कात्यायनी ने 36 करोड़ रुपये और संपत्ति में हिस्सा मांगा था। इसलिए सुलह नहीं हो पाई।

 

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