छत्तीसगढ़ में डैम फटा, 8 बह गए, 4 की मौत, गांवों में बाढ़ का कहर

रायपुर
छत्तीसगढ़ में भी लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. इस वजह से नदी-नाले उफान पर हैं. डैम भी पानी से लबालब हो चुके हैं. इस बीच, प्रदेश के बलरामपुर में बांध टूटने से 4 घर बह गए, जिसकी चपेट में 8 लोग आए. इनमें से 4 की लाश बरामद हो गई है. बाकी की तलाश जारी है.
बलरामपुर जिले के तातापानी पुलिस चौकी क्षेत्र अंतर्गत स्थित लुतिया डैम मंगलवार की रात करीब 11 बजे टूट गया। बांध टूटने से दो मकान पूरी तरीके से बाढ़ में बह गए, दोनों मकान में 8 लोग सोए थे, जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई, जबकि 5 लोग अब भी लापता हैं। घटना के बाद गांव में शोक का माहौल है। पुलिस और प्रशासन की टीम लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है। फिलहाल राहत और बचाव कार्य जारी है।
2 लोगों की लाश को मौके से बरामद
बलरामपुर जिले में लगातार तेज बारिश होने के कारण लुतिया डेम रात 11 बजे के करीब टूट गया। बताया गया है कि पहाड़ में तीज बारिश होने के कारण पहाड़ की झरने का पानी बांध में आ रहा था और उसके बाद बांध लबालब भर गया। देखते ही देखते पूरा बांध टूट गया, लेकिन इस दौरान पहले से यहां पर कोई अलर्ट जारी नहीं किया गया था और न ही जल संसाधन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे हुए थे।
लगातार बारिश से नदी-नाले उफान पर… केलो डेम के चार गेट खोले गए, IMD ने यलो अलर्ट किया जारी
यही वजह है कि यहां पर ऊंचाई में मकान बनाकर रह रहे दो परिवार के लोग गहरी नींद में जब सोए हुए थे, तब बांध के पानी की वजह से आने वाले बाढ़ में वे बह गए, घर का नामोनिशान मिट गया। रात 3 बजे के करीब कलेक्टर राजेंद्र कटारा और पुलिस अधीक्षक मौके पर पहुंचे और उन्होंने रेस्क्यू टीम के माध्यम से 2 लोगों की लाश को मौके से बरामद किया। इसमें 60 वर्षीय महिला बसतिया और उसकी बहू 26 वर्षीय रजंती शामिल है।
3 अस्पताल में भर्ती
प्रशासन द्वारा तीन लोगों को गंभीर हालत में इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया। वहीं जब सुबह होने लगी तब एक व्यक्ति का और लाश मिला है, यानी अब तक कुल 3 लोगों की लाश बरामद हो गई है। वही बताया जा रहा है कि अभी 3 लोग लापता है और उनकी तलाश एसडीआरएफ की टीम के द्वारा की जा रही है।
निचले इलाके में भरा पानी, बहे ग्रामीण
बांध टूटने के कारण पानी निचले इलाके में पहुंच गया। बाढ़ की चपेट में 4 घर आ गए। इन घरों में रहने वाले 8 ग्रामीण तेज पानी में बह गए। घटना की सूचना ग्रामीणों ने जिला पंचायत उपाध्यक्ष धीरज सिंहदेव को दी।
उन्होंने कलेक्टर और एसपी को हादसे की जानकारी दी। धीरज सिंहदेव करीब 12.30 बजे घटनास्थल पर पहुंचे। देर रात कलेक्टर राजेंद्र कटारा और एसपी वैभव बैंकर सहित प्रशासनिक अधिकारी, रेस्क्यू टीम के साथ मौके पर पहुंचे।
सैकड़ों लोग खोजबीन में जुटे जहां बांध बहा है, वहां से कन्हर नदी की दूरी करीब पांच किलोमीटर है। बाढ़ में बहे लाेगाें की खोजबीन में सैकड़ों लोग जुटे हैं। अब तक लापता लोगों का पता नहीं चला है। अन्य ग्रामीणों के घर बहे, लेकिन इनके सदस्य बच गए।
बाढ़ की चपेट में आकर ग्रामीणों की सैकड़ों एकड़ में लगी धान और टमाटर सहित अन्य फसलें भी बर्बाद हो गई हैं। बाढ़ की चपेट में आकर ग्रामीणों के कई मवेशी भी बह गए हैं। कुछ की खूंटे में बंधी हालत में मौत हो गई।
कई बांध लबालब, प्रशासन ने किया सतर्क
बलरामपुर जिले में इस साल औसत से 59 प्रतिशत अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके कारण जिले के सभी बांध लबालब भर गए हैं और नदी, नाले भी उफान पर हैं। इसे देखते हुए पुराने बांध के नीचे रहने वालों को सतर्क भी किया गया है।
डेम में रिसाव हो रहा था लेकिन नहीं दिया ध्यान
: डेम फूटने से आई बाढ़ में कई मवेशी भी बह गए हैं। दूसरी तरफ स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से डेम में रिसाव हो रहा था लेकिन इसके बाद भी जल संसाधन विभाग के अधिकारी इसका मरम्मत नहीं कर रहे थे जबकि इस साल लगातार पिछले दो महीना से अत्यधिक बारिश हो रही है उसके बावजूद जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने यहां पर पहले से कोई अलर्ट जारी नहीं किया था और न ही मुनादी कराया था अगर ऐसा किया गया होता तो लोगों की जान नहीं गई होती।
बताया गया है की डेम का निर्माण पहाड़ी के नीचे किया गया है और इसका निर्माण 50 साल पहले किया गया था लेकिन जल संसाधन विभाग के अधिकारी वास्तविक रूप से इस डेम का मरम्मत नहीं कर रहे थे सिर्फ कागजों में ही हर साल मरम्मत किया जाता था। यही वजह है कि इस साल डेम तेज बारिश के बीच बह गया।